Vidhva Sahay Yojana 2025 (गंगा स्वरूपा योजना): गुजरात सरकार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की एक अनूठी पहल

Vidhva Sahay Yojana 2025 (गंगा स्वरूपा योजना) गुजरात सरकार की एक अनूठी पहल है, जिसमें विधवा महिलाओं को हर माह ₹1,250 की आर्थिक सहायता मिलती है। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जानें पात्रता, लाभ और आवेदन प्रक्रिया।
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Vidhva Sahay Yojana 2025
भारत में महिलाएं सामाजिक और आर्थिक दोनों रूपों से कई चुनौतियों का सामना करती हैं, और जब किसी महिला को जीवन में अकेले रह जाना पड़े—जैसे कि पति की मृत्यु के बाद—तो यह स्थिति और भी कठिन हो जाती है। ऐसी परिस्थितियों में विधवा महिलाओं को सहारा देने के लिए गुजरात सरकार ने एक सराहनीय कदम उठाया है जिसे आज हम “गंगा स्वरूपा आर्थिक सहायता योजना” के नाम से जानते हैं।
पहले यह योजना “विधवा सहाय योजना” के नाम से जानी जाती थी, लेकिन सरकार ने इसे नया नाम देकर इसे और अधिक गरिमा व सम्मान देने का प्रयास किया है। यह योजना राज्य की उन महिलाओं के लिए है जो विधवा हो चुकी हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हैं। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियाँ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और इससे मिलने वाले लाभ के बारे में।
योजना का उद्देश्य और महत्व : Objective and importance of the scheme
गुजरात सरकार द्वारा चलाई जा रही गंगा स्वरूपा योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की विधवा महिलाओं को आर्थिक सहारा प्रदान करना है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने जीवन की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,250 की पेंशन राशि प्रदान की जाती है, जो सीधे उनके बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी जाती है।
इस राशि का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उन महिलाओं को सामाजिक सम्मान दिलाना भी है, जो जीवन में कठिन दौर से गुजर रही हैं।
योजना का नाम परिवर्तन और बजट विकास : Name change of scheme and budget development
इस योजना की शुरुआत “विधवा सहाय योजना” के नाम से हुई थी, लेकिन बाद में इसे “गंगा स्वरूपा योजना” नाम दिया गया, ताकि लाभार्थी महिलाओं को सामाजिक दृष्टि से सम्मानजनक नाम दिया जा सके।
इस योजना के तहत बजट में भी प्रत्येक वर्ष वृद्धि की गई है। वर्ष 2020–21 में जहाँ इसका बजट ₹549.74 करोड़ था, वहीं 2024–25 तक यह बढ़कर ₹2,326.67 करोड़ हो चुका है और आगामी वर्ष 2025–26 के लिए ₹3,015 करोड़ का अनुमानित बजट निर्धारित किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस योजना को लेकर कितनी गंभीर और संवेदनशील है।
लाभार्थियों की संख्या और बढ़ती पहुंच : Number of beneficiaries and increasing reach
गुजरात में इस योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2018–19 में जहाँ करीब 1.64 लाख महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही थीं, वहीं फरवरी 2025 तक यह संख्या 16.49 लाख से भी अधिक हो चुकी है। यह न केवल योजना की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि इस योजना की पहुँच राज्य के हर कोने तक हो रही है।
पात्रता मानदंड : Eligibility Criteria
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ जरूरी पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- महिला गुजरात राज्य की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- आवेदिका विधवा होनी चाहिए और उसने पुनर्विवाह नहीं किया हो।
- महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदिका की पारिवारिक वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1.2 लाख और शहरी क्षेत्रों में ₹1.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- महिला किसी अन्य पेंशन योजना या आर्थिक सहायता का लाभ नहीं ले रही हो।
योजना के लाभ : Benefits of the scheme
- हर महीने ₹1,250 की पेंशन, जो सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
- अब यह सहायता आजन्म मिलती है, पहले बेटे के 21 साल के होने पर बंद कर दी जाती थी।
- 18 से 40 वर्ष तक की महिलाओं को कोशल विकास कार्यक्रमों में भी जोड़ा जा रहा है।
- कुछ स्रोतों के अनुसार, योजना के अंतर्गत ₹1 लाख तक का दुर्घटना बीमा भी मिल सकता है।
- डाकघर के माध्यम से ₹500 की अतिरिक्त आर्थिक सहायता, और बच्चों के लिए ₹80 प्रति बच्चा (अधिकतम दो) तक की सहायता तालीम योजना के तहत।
आवश्यक दस्तावेज : Required documents
- पति का मृत्यु प्रमाण पत्र या विधवा प्रमाणपत्र
- आधार कार्ड और राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र (जैसे बैंक स्टेटमेंट या सरकारी प्रमाण पत्र)
- जन्म प्रमाणपत्र या आयु संबंधित दस्तावेज
- BPL कार्ड (यदि लागू हो)
- बैंक पासबुक की प्रति
- पासपोर्ट साइज फोटो
- तालाटी या स्थानीय अधिकारी से सत्यापन रिपोर्ट

आवेदन प्रक्रिया (Offline) : Application process (Offline)
वर्तमान में यह योजना ऑफलाइन मोड में लागू है। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- महिला को तालुका मामलतदार कार्यालय या ग्राम पंचायत कार्यालय में जाकर फॉर्म प्राप्त करना होगा।
- आवेदन फॉर्म को भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ संलग्न करना होगा।
- सभी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के बाद आवेदन को स्वीकृति दी जाती है।
- स्वीकृति मिलते ही लाभार्थी महिला के खाते में पेंशन राशि भेजी जाती है।
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FAQ for Vidhva Sahay Yojana 2025
प्रश्न 1: विधवा सहाय योजना क्या है?
उत्तर: विधवा सहाय योजना, जिसे अब गंगा स्वरूपा योजना कहा जाता है, गुजरात सरकार द्वारा चलाई जा रही एक सामाजिक सहायता योजना है। इसका उद्देश्य ऐसी महिलाओं को आर्थिक मदद देना है, जिन्होंने अपने पति को खो दिया है और जिनके पास कोई स्थायी आय का स्रोत नहीं है।
प्रश्न 2: इस योजना के तहत कितनी राशि मिलती है?
उत्तर: पात्र विधवा महिलाओं को हर महीने ₹1,250 की पेंशन राशि उनके बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए भेजी जाती है।
प्रश्न 3: योजना के लिए कौन पात्र है?
उत्तर: वह महिला जो गुजरात की स्थायी निवासी हो, विधवा हो (और पुनर्विवाह न किया हो), जिसकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच हो, और जिसकी पारिवारिक आय ग्रामीण क्षेत्र में ₹1.2 लाख तथा शहरी क्षेत्र में ₹1.5 लाख से अधिक न हो – इस योजना की पात्र मानी जाती है।
प्रश्न 4: क्या पेंशन जीवनभर मिलती है?
उत्तर: हां, अब यह सहायता जीवनभर मिलती है। पहले यह पेंशन पुत्र के 21 वर्ष का होने पर बंद हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
प्रश्न 5: क्या कोई महिला पुनर्विवाह के बाद भी इस योजना का लाभ ले सकती है?
उत्तर: नहीं। यदि महिला ने पुनर्विवाह कर लिया है, तो वह इस योजना के तहत मिलने वाली पेंशन के लिए अयोग्य मानी जाती है और पेंशन बंद कर दी जाती है।
प्रश्न 6: आवेदन कैसे किया जा सकता है?
उत्तर: वर्तमान में आवेदन प्रक्रिया ऑफ़लाइन है। इच्छुक महिलाएं अपने नजदीकी तालुका मामलतदार कार्यालय या ग्राम पंचायत कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकती हैं, आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ उसे भरकर जमा कर सकती हैं।
प्रश्न 7: आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी होते हैं?
उत्तर: आवेदन करते समय पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, और पुनर्विवाह न होने का प्रमाण पत्र जरूरी होते हैं।
प्रश्न 8: योजना में नाम शामिल होने के बाद पहली पेंशन कब मिलती है?
उत्तर: दस्तावेज़ सत्यापन और आवेदन की स्वीकृति के बाद, पहली पेंशन राशि आमतौर पर एक महीने के भीतर लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

निष्कर्ष : Conclusion
गुजरात सरकार की गंगा स्वरूपा योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मसम्मान, आत्मबल और स्वतंत्रता का अनुभव भी कराती है। यह योजना उन विधवा महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है, जो अकेले जीवन के संघर्ष का सामना कर रही हैं। अगर आप या आपके आसपास कोई महिला इस योजना की पात्र है, तो उसे आवेदन करने के लिए जरूर प्रेरित करें।
अधिक जानकारी और आवेदन हेतु सरकारी पोर्टल पर जाएं:
👉https://wcd.gujarat.gov.in/initiativedetails?id=238
👉https://patan.nic.in/scheme/gujarat-ganga-swarupa-yojana/
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